X
Login
You agree to our privacy and cookie policy while login to our website.
Login With Facebook
iChowk
Aaj Tak
বাংলা
Aaj Tak Campus
GNTTV
Lallantop
India Today
Business Today
Cosmopolitan
Harper's Bazaar
Reader's Digest
Northeast
Malayalam
Sports Tak
Crime Tak
Astro Tak
Gaming
Brides Today
Ishq FM
सियासत
समाज
संस्कृति
स्पोर्ट्स
सिनेमा
सोशल मीडिया
इकोनॉमी
ह्यूमर
टेक्नोलॉजी
वीडियो
लॉगिन करें
मोबाइल नंबर
(+91)
Submit
or
You agree to our privacy and cookie policy while login to our website.
*
OTP डालें
OTP फिर भेजें
OTP फिर भेजें
Submit
New
अपनी स्टोरी, कविता या कहानी साझा करें...
चर्चा में
महाराष्ट्र
औरंगजेब
ज्ञानवापी मस्जिद
कांग्रेस
राहुल गांधी
योगी आदित्यनाथ
यूपी विधानसभा चुनाव 2022
रूस यूक्रेन विवाद
नरेंद्र मोदी
पंजाब चुनाव
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022
अखिलेश यादव
ओमिक्रॉन वेरिएंट
ममता बनर्जी
कोरोना वायरस
अफगानिस्तान
ऑक्सीजन
पश्चिम बंगाल चुनाव 2021
कोरोना वैक्सीन
किसान आंदोलन
भारत-चीन
अमित शाह
प्रियंका गांधी
टीम इंडिया
विराट कोहली
अरविंद केजरीवाल
अरुण जेटली
ह्यूमर
| 4-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
टमाटर को हमेशा हल्के में लिया, अब जो है सामने वो बेवफाओं से उसका इंतकाम है!
पूर्व में ऐसे तमाम मौके आए जब देश की जनता ने टमाटर का तिरस्कार किया. सस्ते के नामपर बार बार उसे अपमान का सामना करना पड़ा. टमाटर का बदलने का न तो कोई मूड था, न इरादा. बात बस इतनी है कि जिस जिसने भी उसका प्यार भुलाया वो अब टमाटर का इंतकाम देख रहा है.
ह्यूमर
| 4-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
दिल्ली एमसीडी में आप-भाजपा महिला पार्षदों की गुत्थमगुत्थी ही लोकतंत्र का वर्तमान स्वरूप है!
दिल्ली एमसीडी में आप और भाजपा की महिला पार्षद भूखी शेरनियों की तरह एक दूसरे के साथ गुत्थमगुत्थी करती नजर आए रही हैं. जिस तरह महिला पार्षद एक दूसरे की चोटी घसीट रही हैं. एक दूसरे पर नाख़ून मार रही हैं. सवाल ये है कि क्या यही भारतीय लोकतंत्र का वर्तमान स्वरूप है?
ह्यूमर
| 6-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
दूध के बढ़ते दाम वीगन बनाकर ही दम लेंगे...
अमूल ने फिर से दूध के दामों में इजाफा कर आम आदमी को ठेंगा दिखाया है. मतलब जिस तरह हर दूसरे या तीसरे महीने किसी न किसी तरह की गोली देकर अमूल वाले अपने दूध के दाम बढ़ाते हैं, नौबत यही आ गयी है कि हम उसे पीना छोड़ दें. और वीगन बन अमीरों और चोचलेबाजों में अपना नाम लिखा लें.
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
prakash kumar jain
@prakash.jain.5688
एडिक्शन का दोहन ही है सिगरेट के दाम बढ़ाना...
सिगरेट के दाम बढ़ाना जनहित में नहीं, सिर्फ राजस्व बढ़ाने के लिए है. जनहित तो तब होता जब सिगरेट को बैन कर दिया जाता. जब कभी भी बैन की दिशा में कदम उठा भी है तो केस अगेंस्ट बैन बन ही जाता है. पता नहीं कौन से निहित स्वार्थ सक्रिय हो जाते हैं...
सियासत
| 4-मिनट में पढ़ें
रमेश ठाकुर
@ramesh.thakur.7399
बजट तो बैलेंस लेकिन निर्मला समझें रसोई वाली समस्या अभी भी जस की तस है!
नए बजट में बजट में जितनी भी योजनाओं को लागू करने की बात कही गई है उन्हें ईमानदारी से अमल में लाया जाए. क्योंकि कई योजनाएं ऐसी होती हैं, साल बीत जाने तक शुरू नहीं होती. ये हर पिछले बजट में होता आया है, इसमें ऐसा ना हो, ऐसी सबको उम्मीदें हैं.
ह्यूमर
| 6-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
पेशाब करने वाले पर धार मारने वाली दीवार लंदन ही रहे तो ठीक, यहां तो सरकार बर्बाद हो जाएगी!
पेशाब करने पर उल्टी धार मारने वाला पेंट - सड़क पर पेशाब करने वालों को सबक सिखाने के लिए जो लंदन ने किया वो वहीं रहे अच्छा है. भारत में ये इसलिए भी संभव नहीं है क्योंकि मोदी सरकार को इसके लिए एक अलग मंत्रालय बनाना होगा. अलग अलग तरह के बजट देने होंगे. मतलब पेशाब के पेंट का बजट अलग होगा. पान गुटके का अलग होगा. दीवार पर राजू लव्स सलमा का पेंट अलग होगा.
सोशल मीडिया
| 7-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
फ्लाइट में को-पैसेंजर पर पेशाब से लेकर मारपीट तक, आदमी की आदत जाती है, फितरत नहीं!
आइये नजर डालते हैं बीते दिनों घटी उन घटनाओं पर जो जहाज या हवाई यात्राओं से जुड़ी हैं. जहां यात्रियों ने ऐसा बहुत कुछ कर दिया है जो इसकी तस्दीख कर देता है कि आदमी चाहे हवाई जहाज में बैठे या पानी के जहाज से किसी डेस्टिनेशन की यात्रा करे, हम भले ही उसकी आदतें बदल दें लेकिन उसकी फितरत बदल जाए ये मुश्किल प्रश्न है.
ह्यूमर
| 5-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
ऋतिक बॉडी दिखाकर ललचा लें, लेकिन ओट्स-ग्रीन टी वाले क्या जानें भटूरे और लस्सी का सुख!
साल 2022 ख़त्म हो चुका है. 23 की शुरुआत हो गयी है. ऐसे में ट्विटर पर ऋतिक ने 8 पैक्स और टोंड बॉडी वाली एक फोटो ट्विटर पर पोस्ट की है. फोटो में ऋतिक दूसरों को भी मोटिवेट करते नजर आ रहे हैं. ऋतिक लाख कोशिश कर लें लेकिन उनकी ग्रीन टी, ओट्स या कीटो डाइट का हमारी बिरयानी. भटूरे और लस्सी से कोई मुकाबला नहीं है.
ह्यूमर
| 5-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
जब बनाना चिकन पकौड़ा ही था तो 'यूनीक डिश' के नाम पर इतनी मेहनत किसलिए?
एक ऐसे वक़्त में जब हर दूसरा आदमी अपने को फ़ूड ब्लॉगर बता रहा हो. देखिये एक ऐसी डिश की मेकिंग जिसमें मेरिनेशन से लेकर चॉपिंग तक. चिलिंग से लेकर बेकिंग और डीप फ्राइंग तक कुकिंग की हर विधा का इस्तेमाल किया गया है.